25/12/07

प्यार का नाता हमारा


मै क्या कहूँ कि तुम मेरे लिए क्या हो।

मेरी धडकनो का साज़ तुम,
और गीत की आवाज तुम,
तुम ही मेरी आरज़ू हो,
मेरी चाहतो का राज़ तुम ।

हिज्र की इस रात में भी,
देखो मेरे पास हो तुम,
दिल पे हाथ मै जो रख दू,
मेरे दिल के पास हो तुम ।


तुम खुद मेरी परछाईयों में,
और रात की तन्हाईयॊ में,
खुवाब जो देखे अभी तक,
हर खुबसुरत ख्वाब हो तुम।

मै तुम्ही को चाहता हूँ,
दिल की गहराईयो तक,
और साथ तेरा चाहता हूँ,
मै उम्र की ऊँचाईयो तक ।

आज मेरी इन चाहतो ने,
देख तुझे कितना पुकारा,
दुर तक अब जाएगा ये,
प्यार का नाता हमारा ।

दुर तक अब जाएगा ये,
प्यार का नाता हमारा ।


प्रवीण परिहार

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