मेरा इक दोस्त कुछ इस तरह से साथ है मेरे,
उसका दिल कही ओर पर वो पास है मेरे,
काश वो कहे मुझसे अपनी बेबसी का सबब,
शायद उसके दर्द की दवा पास हो मेरे।
मेरे दोस्त तेरे दर्द की हर कोशिश दवा करेगें,
गर कोई दवा काम न आई तो हम दुआ करेगें,
मेरे दोस्त तू मेरी दोस्ती की तपिश से वाकिफ नही,
दोस्ती की कसम हम मरते दम तक तुझसे वफा करेगें।
हम तेरे गम में शरीक होने की खुआईश रखते है,
मेरे दोस्त, तुझसे यहीं इक छोटी-सी इल्तेजा करते है,
हम पर इक बार इनायत तो कर मेरे दोस्त,
हम तेरे हर दर्द को मिटाने की आरज़ू रखते है।
जान भी जाये अगर यारी में यारों गम नही,
अपने होते यार हो गमभीन मतलब हम नही।
उसका दिल कही ओर पर वो पास है मेरे,
काश वो कहे मुझसे अपनी बेबसी का सबब,
शायद उसके दर्द की दवा पास हो मेरे।
मेरे दोस्त तेरे दर्द की हर कोशिश दवा करेगें,
गर कोई दवा काम न आई तो हम दुआ करेगें,
मेरे दोस्त तू मेरी दोस्ती की तपिश से वाकिफ नही,
दोस्ती की कसम हम मरते दम तक तुझसे वफा करेगें।
हम तेरे गम में शरीक होने की खुआईश रखते है,
मेरे दोस्त, तुझसे यहीं इक छोटी-सी इल्तेजा करते है,
हम पर इक बार इनायत तो कर मेरे दोस्त,
हम तेरे हर दर्द को मिटाने की आरज़ू रखते है।
जान भी जाये अगर यारी में यारों गम नही,
अपने होते यार हो गमभीन मतलब हम नही।
प्रवीण परिहार