12/7/07

दोस्त

मेरा इक दोस्त कुछ इस तरह से साथ है मेरे,
उसका दिल कही ओर पर वो पास है मेरे,
काश वो कहे मुझसे अपनी बेबसी का सबब,
शायद उसके दर्द की दवा पास हो मेरे।

मेरे दोस्त तेरे दर्द की हर कोशिश दवा करेगें,
गर कोई दवा काम न आई तो हम दुआ करेगें,
मेरे दोस्त तू मेरी दोस्ती की तपिश से वाकिफ नही,
दोस्ती की कसम हम मरते दम तक तुझसे वफा करेगें।

हम तेरे गम में शरीक होने की खुआईश रखते है,
मेरे दोस्त, तुझसे यहीं इक छोटी-सी इल्तेजा करते है,
हम पर इक बार इनायत तो कर मेरे दोस्त,
हम तेरे हर दर्द को मिटाने की आरज़ू रखते है।

जान भी जाये अगर यारी में यारों गम नही,
अपने होते यार हो गमभीन मतलब हम नही।



प्रवीण परिहार

यार मेरा मुझे छोड गया।


यह उन दोस्तो के लिए जो न जाने किस वजह से हमसे बिछड जाते है। और हमें सदैव ये आशा रहती है कि वे कभी न कभी फिर मिलेगें।

यार मेरा मुझे छोड गया।

यार मेरा मुझे छोड गया
पर याद उसे मैं हूँ अब भी
यारों में शामिल हूँ तो नही
पर यादों में शामिल हूँ अब भी।

मुद्ददत हुई उसने मुझको
न देखा और न खत् भेजा
मेरा पता तो भुल गया पर
न भुल सका मुझ अब तक भी।

यार मुझसे रूठ गया और
अब रूठा हूँ मैं भी उससे
पर न चाहकर भी राह तकु
ये कैसी चाहत है अब भी।

प्रवीण परिहार