सुनो
आईने के सामने जाकर
उस आईने वाली लडकी से
पुछना कि वो मुझे
क्यों इतना प्यार करती है ?
इतना प्यार कि
मेरे दिल में भी नही समाता
कई बार भरकर बह जाता है
मेरी ही आँखो के किनारे से
पानी की तरह ।
पुछना उससे कि क्यो
उसने अपनी तन्हाईयो को
मेरी आहटो से भंग किया
और क्यों अपने सपनो को
मेरे रंग से यूँ रंग दिया ।
पुछना उससे कि क्यों
उसने अपने ख्यालों में
मुझे इसकदर सजाकर
मेरी इस जीवन को
इतना मान दिया ।
ये सब जरूर पुछना उस
आईने वाली लडकी से ।
जरुर पुछोगी ना ।
प्रवीण परिहार