13/3/07

मेरे घर में कोई और

लगता है मेरे घर में कोई और आ गया शायद,
तेरे दिल की धडकने कुछ अंजान सी लगती है।
हो सकता है कि ये मेरी भुल हो शायद,
पर आज तेरी ये नज़र कुछ बेईमान सी लगती है।।

तेरा जो दर्द मेरे दिल में है, सोचता हूँ उसकी दवा न करु,
तुझको तेरे जाने के बाद मैं खुद से यूँ जुदा न करु।
दुआ करना कि मैं मर जाऊँ एकदम,
तेरा नाम लेके यूँ खुदा- खुदा न करु।।

प्रवीण परिहार